बुधवार, 2 मई 2018

वेरेक्टर डायोड




यह एक प्रकार का रिवर्स PN जंक्शन डायोड होता है जिसके संधि संधारित्र के गुण को उपयोग किया जाता है| इसे वेरिकैप, वोल्टकैप या ट्यूनिंग डायोड भी कहा जाता है| हम जानते है जब हम PN जंक्शन को रिवर्स बायस में उपयोग करते है तब जंक्शन एक डाइलेक्ट्रिक की तरह कार्य करता है और P व N रीजन संघरित्र की प्लेटो की तरह कार्य करती है| और संधि संघारित्र का निर्माण होता है| इस ट्रांसिशन धारिता (capacitance) का मान डिप्लीशन लेयर की चौड़ाई पर, क्षेत्रफल पर तथा अर्द्ध-चालक पदार्थ के विद्युतशीलता (permittivity) पर निर्भर करता है|
CT=A/Wd


जब रिवर्स वोल्टेज का मान बढाया जाता है तो जंक्शन की चौड़ाई (Wd) बढती जाती है| और संघरित्र का मान कम होता जाता है| और जब वोल्टेज का मान कम किया जाता है| तो जंक्शन की चौड़ाई कम हो जाती है अत: संघरित्र का मान बढ़ता है| इसे निम्न प्रतिक द्वारा दर्शाया जाता है|
जंक्शन की चौड़ाई डोपिंग लेवल पर भी निर्भर करती है| डोपिंग करने के आधार पर वेरेक्टर डायोड दो प्रकार के होते है एड्रप्ट तथा हाइपर एड्रप्ट वेरेक्टर डायोड| जब डोपिंग पुरे डायोड में एकसमान कि जाती है तो इसप्रकार के डायोड को एड्रप्ट वेरेक्टर डायोड कहते है| जब वेरेक्टर डायोड में जंक्शन के पास डोपिंग लेवल अधिक तथा जंक्शन से दूर जाने पर डोपिंग लेवल कम होता जाता है तो उस डायोड को हाइपर एड्रप्ट वेरेक्टर डायोड कहा जाता है| 

Reference: 
1. R.S. Sedha, "A TextBook of Applied Electronics".
2. https://circuitdigest.com/sites/default/files/inlineimages/u/Varactor-Diode-symbol.png

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें