शुक्रवार, 12 अप्रैल 2019

प्रतिरोध (Resistor)



प्रतिरोध एक  पैसिव, इलेक्ट्रिकल कॉम्पोनेन्ट है जिसे एक निश्चित मात्रा के प्रतिरोधकता के लिए बनाया जाता है| इसमे धारा का प्रवाह दोनों दिशाओ में हो सकता है| इसका उपयोग परिपथ में धारा को कंट्रोल करने तथा निश्चित मात्र के विभव को ज्ञात करने के लिए किया जाता है|
प्रतिरोधकता (resistance)
जब किसी पदार्थ (material) में धारा (current) प्रवाहित की जाती है तो पदार्थ धारा के प्रवाह का विरोध करता है, पदार्थ के इस गुण को प्रतिरोधकता कहा जाता है| यह विरोध पदार्थ के अन्दर इलेक्ट्रॉन्स के आपस में टक्कर या दुसरे अणुओ से टक्कर (collision) के कारण होता है| इसके कारण इलेक्ट्रिकल ऊर्जा, तापीय ऊर्जा (heat energy) में परिवर्तित हो जाती है| इसे मापने/दर्शाने के लिए ओम इकाई का प्रयोग किया कता है, जिसे ग्रीक वर्ण Ω द्वारा प्रदर्शित किया जाता है|
इसे निम्न प्रतिक (symbol) द्वारा निरुपित किया जाता है


ओम के नियम के अनुसार “किसी परिपथ/युक्ति से बहने वाली धारा उस पर लगाये गये विभव के समानुपाती होती है|” अत:
                                      
 
अत: हम कह सकते है कि किसी पदार्थ का प्रतिरोध उस पर लगाये गए विभव तथा बहने वाली धारा के अनुपात के बराबर होता है|

प्रतिरोध का वर्गीकरण

प्रतिरोध का वर्गीकरण निम्न चित्र में प्रदर्शित है| 
चित्र क्र. 1 प्रतिरोध का वर्गीकरण